
नमस्कार !
तो कैसे है आप ……?
आशा है कि आप ”हील और फिट” है ।
आपका इस ब्लॉग में स्वागत है जैसा कि आप जानते हैं कि आधुनिक युग में सभी अपने दौड भाग जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दौड लगा रहें है लेकिन वर्तमान युग में रसायनिक खानपान और प्रदूषण के कारण मानव शरीर में जो मानसिक एवं शरीरिक विकार उत्पन्न हो रहे है उन से बचने एवं रोग से छुटकारा पाने के लिए हमें
मानसिक रूप से स्वस्थ, शरीरिक रूप से स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है और अधिकार भी परंतु यह अधिकार व्यक्तिगत, सामाजिक और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है। मुख्य रूप से पर्यावरणीय या सामाजिक कारकों के साथ-साथ हम एक बेहतर रोग प्रतिरक्षा तंत्र और अपनी बेहतर समझ विकसित कर सकते हैं जिससे कि अन्य परिस्थितियाँ हम पर बहुत अधिक प्रतिकूल प्रभाव न डाल पाएँ और हम अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सके। स्वास्थ्य एक सकारात्मक अवधारणा है। सकारात्मक स्वास्थ्य केवल बीमारियों से मुक्त होना ही नहीं है, बल्कि इसमें विशिष्ट कारकों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता तथा रोगों के लिए सामान्य प्रतिरक्षा की समुचित मात्रा के विकास के साथ-साथ स्वस्थ होने की ऊर्जावान अनुभूति भी शामिल है। इसके लिए योग एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि इसमें विशाल क्षमता है। योग, उपचार के सर्वाधिक शक्तिशाली औषधी तंत्रों में से एक है।
भारत में योग का जन्म हजारों वर्ष पूर्व हुआ इसकी महत्ता सुख प्राप्त करने और दुखों से छुटकारा पाने विश्वव्यापी इच्छा के कारण हुई। यौगिक जनश्रुति के अनुसार हिंदु धर्म के देवता शिव जी को योग का संस्थापक माना गया है। 2700 ईसा पूर्व, पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता की बहुत सी मुद्राएँ और जीवों के अवशेष संकेत देते हैं कि प्राचीन भारत में योग प्रचलन में था। परंतु योग का व्यवस्थित उल्लेख पतंजलि के योगदर्शन में मिलता है। महर्षि पतंजलि ने योग के अभ्यासों को सुव्यवस्थित किया। पंतजलि के बाद बहुत-से योगियों एवं संतों ने योग विकास में अपना योगदान दिया और इसके परिणामस्वरूप योग अब पूरे विश्व में फैल चुका है।
हील और फिट (Heal & Fit) हील (Heal) से तात्पर्य हमारे आंतरिक शरीर की ऊर्जा को जागृत करने से जो कि ध्यान की गहराई से संभव है एवम् फिट (Fit) का तात्पर्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य से हैं जो कि हमें शरीर से तंदुरुस्त बनाने के लिए सहायक है। हील और फिट (Heal & Fit) होने के बाद हम जीवन के हर मैदान में जीत हासिल कर सकते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम योग आयुर्वेद एवं ध्यान का समावेश के साथ ध्यानी मास्टर के अनुभव को भी साझा किया गया है।
मैं वर्ष 2017 से अब तक ध्यान मार्ग में हूं, मुझे ध्यान से ज्ञात हुआ है कि ध्यान करने के साथ अन्य को ध्यान सीखा कर हम अनेक आंतरिक प्रतिभा को निखार सकते है जो एक श्रेष्ठ सेवा है जो कि विश्व कल्याण के लिए एवं लोगों के जीवन शैली में परिवर्तन के लिए बेहद आवश्यक है आप सभी का धन्यवाद और आभार।
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