
ताड़ासन योग की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। यह पूरी शरीर को लचीला बनाता है और साथ ही साथ कड़ा एवं सख्त होने से रोकता है। यह एक ऐसी योगासन है जो मांसपेशियों को ही नही बल्कि सूम मांसपेशियों को भी बहुत हद तक लचीलापन बनाता है। और इस तरह से शरीर को हल्का तथा विश्राम एवं जोड़ों को ढीला करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह योगाभ्यास आपको चुस्त दुरुस्त ही नहीं करता बल्कि आपके शरीर को सुडौल एवं खूबसूरती प्रदान करता है। शरीर में जहाँ तहाँ जो अतरिक्त चर्बी जमी हुई है उसको पिघलता है और आपके पर्सनालिटी में नई निखार ले कर आता है।
विधी:
– ताड़ासन का अभ्यास खुले स्थान या पार्क आदि में करें, जिससे इस आसन को करते समय शुद्ध वायु शरीर के अंदर जा सके। इस आसन को करने के लिए फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं।
– अपने दोनों पैरों को मिलाकर सावधान की स्थिति में रहें। पहले अपने दोनों हाथों को बगल में कंधे की सीध में फैलाएं फिर ऊपर उठाएं। अब दोनों हाथों को तानकर ऊपर रखें और एड़ियों को उठाकर पंजों पर खड़े रहें ।
अब सांस को अंदर खींचते हुए पेट में पूर्ण रूप से वायु भर लें और धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ें।
– अब पंजों पर बल देते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचें। अपने पूरे शरीर का भार केवल पंजों पर ही पड़ने दें।
– 2 मिनट तक इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे – एड़ियों को जमीन पर लाकर सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसी प्रकार से इस क्रिया को 5 बार दोहराएं।
लाभ:
– हठयोग में ताड़ासन का विशेष स्थान है। इस आसन से शरीर में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और मन प्रसन्न रहता है।
– इस आसन से शक्ति तथा आयु में वृद्धि होती है। यह आसन छाती को चौड़ा तथा फेफड़ों को स्वस्थ, मजबूत व सक्रिय बनाता है।
– इस आसन के अभ्यास से आलस्य, सुस्ती तथा नींद का अधिक आना दूर होता है। इस आसन से शरीर में नया जोश व स्फूर्ति पैदा होती है।
– यह पेट के भारीपन को दूर करता है तथा कब्ज व अजीर्ण आदि की शिकायतों को दूर करता है। ताड़ासन करने से पैरों व हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती है।
– यह आसन मलाशय व आमाशय की मांसपेशियों को विकसित करता है और आंतों को फैलाता है।
– यह आसन मलाशय व आमाशय की मांसपेशियों को विकसित करता है और आंतों को फैलाता है। यह स्नायु से निकलने वाले बिन्दुओं के अवरोधों को दूर करता है तथा मेरूदंड को पूर्ण रूप से विकसित करने में लाभ देता है।
– इस आसन को करने से शरीर की नाड़ियों में खून का प्रवाह तेज हो जाता है जिससे नाड़ियां स्वस्थ रहती हैं। अधिक चलने व खड़े होने वाले को यह आसन अवश्य करना चाहिए।
– ताड़ासन महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। महिलायें गर्भावस्था में 6 महीनें तक इस आसन कर सकती हैं। इससे प्रसव के समय पीड़ा (दर्द) कम होता है तथा बच्चे भी स्वस्थ जन्म लेते हैं।
सावधानी:
– ताड़ासन को आराम से करें तथा पंजो पर ऊपर उठने की क्रिया धीरे-धीरे करें।
- उत्तर की ओर मुख करके इस आसन को करना – अधिक लाभकारी होता है।